📝 🌌 कर्म और कुंडली: क्यों बार-बार नौकरी छूटती है और शादी में देरी होती है? एक ज्योतिषीय विश्लेषण
🔍 🪔 प्रस्तावना:
आज के समय में बहुत से लोग यह शिकायत करते हैं –
🔸 "डिग्री होने के बाद भी नौकरी क्यों नहीं टिकती?"
🔸 "हर बार रिश्ता बनते-बनते क्यों टूट जाता है?"
इसका कारण सिर्फ किस्मत नहीं, बल्कि आपकी कुंडली में छिपे ग्रहों के खेल और पुराने कर्मों की छाया होती है।
यहाँ हम एक MBA पास युवक के जीवन से उदाहरण लेते हुए समझेंगे कि कैसे बुध, शनि, चंद्र, मंगल, राहु-केतु जैसे ग्रह जीवन की दिशा तय करते हैं।
🔹 1. कर्म की चोट और जीवन की कठिनाइयाँ:
यह कहानी है एक ऐसे युवक की जिसने MBA किया लेकिन हर 6-8 महीने में उसकी नौकरी छूटती रही।
आखिरकार वह अपने पिता के साथ मजदूरी जैसा काम करने पर मजबूर हो गया।
यह सिर्फ एक आर्थिक संघर्ष नहीं था, बल्कि एक कर्म और ग्रह दशा का खेल था।
🔹 2. बार-बार नौकरी छूटने का ज्योतिषीय कारण:
- दशम भाव (Career House) का स्वामी बुध, तीसरे भाव में जाकर स्थिरता को खत्म करता है।
- शनि और चंद्रमा का परिवर्तन योग जातक को स्थायी निर्णय लेने नहीं देता।
- मंगल + केतु — लगातार संघर्ष, क्रोध, और अस्थिरता का संकेत।
- राहु का प्रभाव — सरकारी नौकरी या पिता से जुड़े लाभ में रुकावट डालता है।
➡️ इसका नतीजा: नौकरी मिलती है लेकिन टिकती नहीं।
🔹 3. विवाह में देरी और असफल रिश्तों के ग्रह योग:
- शुक्र और शनि का संबंध — विवाह में देरी, देर से रिश्ता जुड़ना या बार-बार टूटना।
- चंद्रमा नीच या पीड़ित — निर्णय बदलने की आदत, भावनात्मक अस्थिरता।
- लग्न और सप्तम भाव पर विपरीत प्रभाव — विवाह योग्य साथी का देर से मिलना या रिश्ते में सामंजस्य की कमी।
🔹 4. कालचक्र और ग्रहों का खेल – समय का महत्व:
- गुरु (Jupiter) — सही समय पर सफलता दिलाता है, लेकिन उससे पहले परीक्षा लेता है।
- शनि (Saturn) — कर्मों का न्यायाधीश, अगर आपके कर्म दोषपूर्ण हैं तो संघर्ष कराता है।
- राहु — भ्रम और बाधाएं देता है, लेकिन साथ में गहरी सीख भी।
👉 यही है “कालचक्र” – जो हर व्यक्ति को उसके कर्म अनुसार समय देता है।
🔹 5. ज्योतिषीय समाधान और सावधानियाँ:
✔️ चंद्रमा और शनि की शांति के लिए:
- शिव पूजा करें
- महामृत्युंजय मंत्र का जप करें
- सोमवार व शनिवार को व्रत रखें
✔️ राहु-केतु के दोष निवारण के लिए:
- हनुमान चालीसा रोज पढ़ें
- मंगलवार/शनिवार को बजरंग बली का दर्शन करें
- दुर्गा सप्तशती का पाठ करें
✅ निष्कर्ष:
केवल डिग्री या मेहनत से नहीं, बल्कि सही समय, सही दिशा और कर्म सुधार से सफलता मिलती है।
ज्योतिष कोई अंधविश्वास नहीं, बल्कि जीवन के संकेतो का विज्ञान है।
अगर आप भी नौकरी में अस्थिरता, रिश्तों में परेशानी या वैवाहिक जीवन की देरी से जूझ रहे हैं — तो अपनी कुंडली का गहराई से विश्लेषण कराएं और उपायों को अपनाएं।
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