🌟 शादी में मुख्य ग्रह: पुरुषों के लिए Venus और महिलाओं के लिए Mars | ग्रहों की युतियां और पत्नी के व्यवहार पर प्रभाव
शादी में ग्रहों का संतुलन ही रिश्ता तय करता है — पुरुषों के लिए Venus और महिलाओं के लिए Mars की भूमिका क्या है, यही इस पोस्ट में समझें।
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COMBINATIONS
1. Mars + Venus (मंगल + शुक्र) — आकर्षक, सेवाभाव व समर्पण
- पत्नी अपने पति को राजा जैसा मानेगी और स्वयं को उसकी दासी (सेविका) की तरह रखेगी।
- पति की सेवा, तैयारी (preparation), और कंफर्ट देना जीवन का उद्देश्य मानती हैं।
- लेकिन गुस्से वाली होंगी, बातें थोड़ी कड़वी हो सकती हैं — पर प्रेम गहरा होगा।
2. Mars + Ketu — अत्यधिक अटैचमेंट लेकिन शक की प्रवृत्ति
- पत्नी कभी पति को छोड़कर नहीं जाएगी।
- लेकिन शक बहुत करेगी, चाहे पति कैसा भी हो।
- Over-investigation, controlling nature के लक्षण।
- Remedy: Thinking Pattern की काउंसलिंग और ईगो-कम्युनिकेशन की समझ।
3. Mars + Saturn — Practical but emotional gap
- पत्नी दिखने में शांत लेकिन अंदर से असंतुष्ट हो सकती है।
- Practical life में strong, लेकिन emotional satisfaction कम मिलेगा।
- पति को ज्यादा pamper करना पड़ता है।
4. Rahu + Venus या Rahu in 7th — Over-expectation and doubt
- पत्नी शक बहुत करती है, और हर बात में hyper-reaction।
- कोई भी एस्ट्रोलॉजर से चिपकी रहती है, मतलब राहु प्रभावशाली है।
5. Moon + Venus — Emotional Attachments + Nurturing Nature
- पत्नी पति को प्रायोरिटी देगी, माँ जैसी देखभाल।
- बोलने में प्यार कम पर actions में ज़्यादा प्रेम।
- पत्नी मजबूत भावनात्मक सहारा होती है।
6. Sun + Venus (सूर्य + शुक्र) — Abhimaan & Image-Oriented Love
- पति अपनी पत्नी को सम्मान देते हैं, सबके सामने इंट्रोड्यूस करना पसंद करते हैं।
- पत्नी की तारीफ सबके सामने करेंगे, लेकिन कभी-कभी अहंकार भी होगा।
🧠 व्यवहारिक समझ (Behavioral Insights):
- Mars + Venus वाली स्त्री बोलने में तेज, लेकिन सेवा में पूर्ण समर्पित।
- Mars + Ketu वाली स्त्री भावुक तो बहुत होती है पर शक के कारण जीवन कठिन कर देती है।
- Saturn का low degree मतलब पत्नी को बच्चा बना के रखना होगा, full pampering चाहिए।
- Moon dominant व स्त्री मंगल-वीनस वाली पति को जीवन का केंद्र मानती हैं।
🧭 बिना कुंडली देखे पहचानने की कला:
यदि कोई व्यक्ति कहता है – “मेरी पत्नी हर बात में शक करती है”, समझो Mars + Ketu / Rahu प्रभाव है।
यदि कहे – “पत्नी हर काम करती है, पर गुस्सैल है”, तो Mars + Venus.
यदि कहे – “पत्नी हर बात मानती है, service करती है”, समझो Venus strong.
यदि बोले – “हम बहुत झगड़ते हैं पर बिछड़ नहीं सकते”, Mars + Ketu / Saturn link.
🕉 कुंडली मिलान करते समय ध्यान रखने योग्य बातें:
- केवल गुण मिलान न देखें, ग्रहों का वास्तविक संयोजन (Mars, Venus, Moon, Ketu, Rahu, Saturn) भी देखें।
- सप्तम भाव व सप्तमेश की स्थिति व दशम भाव की दृष्टि महत्वपूर्ण है।
- नवांश कुंडली में भी वही संयोजन रिपीट हो रहे हैं या नहीं — यह ज़रूरी है।
🙏 निष्कर्ष:
यह ज्ञान बहुत ही मूल्यवान है। अगर इन संकेतों और संयोजनों को आत्मसात कर लिया जाए तो सिर्फ बातचीत से ही कुंडली का अनुभव कर सकेंगे।
जैसे गुरु जी ने कहा – "कुंडली देखने की जरूरत नहीं पड़ेगी, सामने वाले के सवाल से ही समझ जाओगे कौन सा संयोजन है।"
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